युवा गौरव आकाश चौधरी
कानपुर । भारत सरकार प्रधानमंत्री व खेल मंत्री खेल को बढ़ावा देने व खिलाड़ियो की सुरक्षा के लिए सदैव प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर उन्ही की नाक के नीचे उच्च पदों पर अधीनस्थ अधिकारी खिलाड़ियों के विकास व उत्थान के लिए कोई उचित कार्य नहीं कर रहे हैं। साथ ही खेल से जुड़े खिलाड़ियों को भी उनके भविष्य से संबंधित उपलब्धियों से भी वंचित करने से गुरेज नहीं करते और ऐसा ये इसलिए करते हैं क्योंकि नए खेलों से इनकी जेबे नहीं भरती।
आइए जाने क्या है पूरा मामला
बताते चलें 2018 में ग्रेपलिंग मल्लयुद्द खेल को ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में शामिल किया गया। जिसके उपरांत ग्रेपलिंग खिलाड़ियों ने प्रतिभाग करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया । जिसमें उत्तर प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों ने अपनी टीमें भेजी। जिसका नतीजा यह रहा कि उत्तर प्रदेश में 49 मेडल ग्रेपलिंग खेल में खिलाड़ियों ने अर्जित किए। जिसमे सैमहिंगबातम विश्वविद्यालय ने महिला वर्ग में पूरे भारत में द्वितीय स्थान प्राप्त किया जो कि उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया में पहली बार शामिल खेल में उत्तर प्रदेश से प्रतिभाग करते हुए खिलाड़ियों ने दूसरा स्थान प्राप्त किया जिसकी प्रशंसा स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ओलंपियन सुशील कुमार ने की है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के खेल सचिव व संबंधित अधिकारी खिलाड़ियों की कर रहे हैं उपेक्षा
वहीं दूसरी ओर विगत 1 वर्षों से प्रयासरत ग्रेपलिंग मल्लयुद्ध खेल के खिलाड़ी लगातार विश्वविद्यालय से संपर्क किए लेकिन विश्वविद्यालय खेल प्रशासन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी खिलाड़ियों की अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताएं आयोजित नही करवा रहा कानपुर विश्वविद्यालय। कहीं ना कहीं ऐसी मानसिकता निश्चित तौर पर यह जाहिर करती है कि ऐसे संबंधित अधिकारी खिलाड़ियों के लिए नहीं सिर्फ अपनी जीविका के लिए नियुक्त हुए हैं।
वहीं दूसरी ओर कुलपति महोदया भी खिलाड़ियों से मिलने की दूर उनके बारे में सोचना भी जरूरी नहीं समझती जबकि कहीं ना कहीं खिलाड़ियों का प्रदर्शन विश्वविद्यालय के गौरव को बढ़ाएगा शायद यह बात भी उनको चुभ रही है।
नेशनल कोच सुनील चतुर्वेदी और खिलाड़ियों ने कई बार लगाई प्रधानमंत्री व राज्यपाल सहित मानव संसाधन मंत्री से गुहार।
वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय द्वारा ग्रेपलिंग की अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित नहीं कराये जाने के संबंध में कई बार खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री सहित राज्यपाल व मानव संसाधन मंत्री से गुहार लगाई।
प्रधानमंत्री से बड़े हैं कानपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों के नियम
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र की प्रथम आख्या में विश्वविद्यालय ने यह लिख कर भेजा था कि ग्रेपलिंग खेल का कोई भी खिलाड़ी उनसे संपर्क नहीं किया है यदि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के खिलाड़ी संपर्क करते हैं तो उनको प्रतियोगिता में भेजा जाएगा जबकि खिलाड़ियों ने कई बार संबंधित अधिकारियों से खुद जाकर मुलाकात की।
दूसरे पत्र की आंख्या में प्रधानमंत्री ने स्वयं लिखकर भेजा कि उपरोक्त खिलाड़ियों की समस्या को त्वरित ध्यान में रखते हुए उचित कार्यवाही की जाए लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय खेल प्रशासन सहित कुलपति आज तक अन्तरमहाविद्यालयी प्रतियोगिता आयोजन हेतु कोई निर्देश जारी नहीं किया। जो कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री के निर्देशों की अवहेलना है।
20 दिन का समय और 28 खिलाड़ी वंचित होने के कगार पर
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी कैलेंडर के अनुसार लगभग 20 दिन का समय ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता जो जम्मू में आयोजित की जा रही है यदि विश्वविद्यालय खेल प्रशासन ग्रेपलिंग अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित नहीं करवाता है तो फिर से एक बार 28 खिलाड़ी प्रतियोगिता से वंचित हो जाएंगे।
सबसे बड़े प्रश्न
- क्या खिलाड़ियों के प्रति लापरवाह अधिकारियों को उच्च स्तर की कार्यवाही के साथ निलंबित किया जाएगा ?
- क्या प्रधानमंत्री के निर्देश से भी बड़े हैं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अधिकारियों के नियम ?
- क्या विश्वविद्यालय खिलाड़ियों के लिए अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता आयोजित करवाएगा जिससे खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें ?