YUVA GAURAV

धार्मिक मंशा की सरकार मे केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह की दो टूक -- न पूजा मे आऊँगी, और न ही आपको सुंदरकाण्ड व पूजा पाठ करने दूँगी


 


 



युवा गौरव । संवाददाता


 


कानपुर । केडीए मे अमीन पद पर तैनात चंद्र प्रकाश शुक्ला 30 मई 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे है। और अपने सेवानिवृत्ती के अवसर पर चंद्रप्रकाश शुक्ला ने केडीए परिसर मे स्थित हनुमान मंदिर मे सुंदरकांड का पाठ करने की अनुमति के साथ साथ केडीए उपाध्यक्ष को आमंत्रित करने के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमे उन्होने लिखा था कि ईश्वरीय इच्छानुसार अपने अधिष्ठाता आदरणीय हनुमान जी से संबन्धित सुंदरकाण्ड का पाठ दिनांक 31 मई 2019 को समय 05 बजे से 08 बजे सायंकाल तक कानपुर विकास प्राधिकरण मे स्थित हनुमान मंदिर मे करवाना चाहता हूँ। आप से निवेदन है कि मुझ प्रार्थी को उक्त कार्यक्रम सुंदरकाण्ड का पाठ निश्चित समय पर निष्पादित करवाने की अनुमति देने तथा उक्त अवसर पर पधारने हेतु निमंत्रण स्वीकार करने का कष्ट करें। क्योंकि आपकी उपस्थिती मुझ प्रार्थी के लिए न केवल आशीर्वाद स्वरूप आवश्यक है, बल्कि शुभ सेवानिवृत्ति के लिए भी आवश्यक है।


 


उपाध्यक्ष मैडम का दिखा सख़्त लहजा


 


अमीन चन्द्र प्रकाश शुक्ल के पत्र को प्राप्त करते ही केडीए उपाध्यक्ष ने सीधे और साफ एवं सख्त लहजे मे कहा कि केडीए परिसर स्थित मंदिर मे न तो मै आऊँगी और न ही पूजा पाठ एवं सुंदरकाण्ड करने दूँगी। और हाँ, अगर आपको पूजा करनी है, तो अपने घर मे पूजा करिए, यहाँ पर कुछ भी करने की कोई अनुमति नहीं है और न ही अनुमति मिलेगी।


 



 


मंदिर मे है आस्था


 


अमीन चंद्रप्रकाश शुक्ला ने बताया कि इसी मंदिर मे केडीए के कर्मचारियों के सहयोग से मेरे द्वारा वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाता है। और ये आयोजन पिछले कई वर्षों से करते चले आ रहे है। और मेरी आस्था भगवान हनुमान जी प्रति है और मैं अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर भगवान हनुमान जी के लिए सुंदरकाण्ड का आयोजन करना चाह रहा था। जिसे उपाध्यक्ष मैडम द्वारा सीधे तौर पर मना कर दिया गया है।


 



 


लगभग 20 लाख से ऊपर की राशि लगाकर केडीए ने कराया था मंदिर का सुंदरीकरण


 


जानकारी करने पर केडीए कर्मचारियों ने बताया कि मंदिर के सुंदरीकरण के लिए कानपुर विकास प्राधिकरण ने ही लगभग 20 लाख से ऊपर की राशि लगाई थी, जिसमे कर्मचारियों द्वारा ही वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाता है, लेकिन केडीए द्वारा बनवाए गए इस मंदिर मे कोई पुजारी तक नहीं रखा गया और न ही मंदिर रोजाना पूजा पाठ किया जाता है, फिर भी कुछ आस्थावान कर्मचारी ही रोजाना मंदिर की साफ सफाई और अन्य कारी किया करते है।


 


केडीए कार्यावधि के बाद का था समय


 


केडीए के अमीन चंद्रप्रकाश ने बताया कि केडीए के कार्य दिवस मे प्रातः 09 बजे से लेकर सायंकाल 05 बजे तक ही कार्य होता है। और मेरे द्वारा 05 बजे से लेकर 08 बजे तक के लिए ही अनुमति मांगी गयी थी। लेकिन उसके बाद भी उपाध्यक्ष मैडम ने मना कर दिया, अगर मैडम कहती तो समय मे परिवर्तन कर लिया जाता, लेकिन मैडम ने तो सीधे सीधे यही कह दिया कि न तो आऊँगी, और न ही पूजा पाठ सुंदरकाण्ड आदि करने दूँगी।


 



प्रदेश के मुखिया योगी जी की है इन कार्यों मे विशेष रुचि


 


 


यूं तो योगी की यू पी सरकार में जगह-जगह पूजा पाठ और धार्मिक कर्मकांड देखने को मिल जाते है लेकिन जिनका प्रशासन भी बखूबी समर्थन करता है, यही नहीं, योगी सरकार ने पुलिस विभाग के लिए स्पेशली आदेश पारित करके सभी थानो मे जन्माष्टमी को भव्यता के साथ मनाने के ल्ये कहा था और प्रदेश के सभी थानो मे जन्माष्टमी को मनाया गया था, केवल यही नहीं, सरकार ने ऐसे कई त्योहार पर धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुये धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिव शान्ति सन्त आसूदाराम आश्रम में सन्त बाबा आसूदाराम साहिब के 57वें वार्षिक निर्वाण महोत्सव को सम्बोधित करते हुये कहा था कि धार्मिक स्थल केवल धार्मिक चेतना के ही प्रतीक नहीं हैं, बल्कि हमारी सामाजिक एकता को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे तीर्थ स्थल, हमारी सामाजिक, राष्ट्रीय चेतना और मानव कल्याण का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि सिन्ध इस देश की आत्मा है। 'सिन्धु दर्शन' का कार्यक्रम हमारी विरासत का हिस्सा है। मथुरा के आश्रम में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिन्दुत्व और पूजा-पाठ करना उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व जीवन जीने की कला है. हिंदुत्व से राष्ट्र धर्म का पालन होता है़, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अपने कार्यकाल का विधानसभा में वित्‍त मंत्री राजेश अग्रवाल ने साल 2019-20 का जब तीसरा बजट पेश कर किया था, तो योगी सरकार ने इसमे भी गो कल्याण के लिए 500 करोड़ से अधिक का बजट पेश किया गया. जब चुनाव आयोग की तरफ से योगी आदित्य नाथ पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था , तो प्रतिबंध खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान मंदिर मे जाकर भगवान बजरंग बली के दर्शन किए थे और श्री योगी ने हनुमान जयंती की सभी को बधाई देते हुए कहा था कि, 'हनुमानजी में मेरी अटूट आस्था है और संकटमोचन में इस आस्था के बीच कोई नहीं आ सकता। उनका दृढ़ संकल्पित, समर्पित जीवन मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत है। अतुलित भक्ति और अपरिमित शक्ति के प्रतीक श्री हनुमानजी की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं।'' एक अन्य ट्वीट में योगी ने कहा, 'मेरी रग रग में राम, कण कण में कृष्ण, प्रत्येक शिरा में शिव और प्रत्येक धमनी में धर्म और कर्तव्य बोध निरंतर प्रवाहित होता रहता है। आज मैं फिर कहना चाहूंगा कि मेरी धार्मिक पहचान हिन्दू है, वह हिन्दू जो भारत मे रहने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान समान भाव से आदिकाल से करता आ रहा है।' योगी ने अयोध्या और वाराणसी में मंदिरों के दर्शन को लेकर भी अपने एक ट्वीट में कहा, 'मेरे आराध्य रामलला, बजरंग बली और महादेवजी के दर्शन को किसी भी प्रकार की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आस्था का अधिकार संविधान प्रदत्त है और मुझे इस अधिकार का प्रयोग करने से कोई रोक नहीं सकता। अयोध्या में रामलला, हनुमान गढ़ी में बजरंग बली और सरयू माता के दर्शन पाकर हुई अनुभूति को शब्दों में व्यक्त कर पाना संभव नहीं है।'


 


करोड़ों खर्च करके हुआ विशाल कुम्भ मेले का आयोजन


 


योगी सरकार ने अपने कार्यकाल मे पढ़ने वाले कुम्भ मेले की भव्यता को दुनिया के सामने कुछ इस प्रकार रखा कि दुनिया ने कुम्भ मेले की भव्यता का लोहा माना। कई हजार करोड़ रुपए का आयोजन मे खर्चा किया गया। और देश विदेश से आए लोगों ने मेले मे किए गए आयोजन की सराहना की। और हिन्दू परम्परा को मानने वाले यूपी के सीएम और भारत के पीएम ने खुद आकर कुम्भ मे स्नान किए। यही नहीं यूपी की पूरी कैबिनेट ने एक साथ कुम्भ मेले मे स्नान किया।