सुषमा स्वाराज - असाधारण व्यक्तित्व की मालिक :- डॉ रचना सिंह "रश्मि"

 



प्रस्तुति


डॉ रचना सिंह "रश्मि" 


आगरा, उत्तर प्रदेश,


माथे पर बड़ी सी गोल बिंदी, करीने से पहनी साड़ी साडी़ के साथ मैच करती स्लीवलेस जैकेट.में गर्व से मुस्काराता चहेरा तो आँखों के सामने सुषमा स्वराज का का व्यकित्व याद आने लगता है। ये तीनों चीजें जैसे सुषमा स्वराज की पहचान थी। महान व्यक्तित्व की धनी, राजनीति में आदर्शो की प्रतीक, प्रखर वक्ता और विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम फहराने वाली पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज हमारे बीच नही रही देश ने एक महान.नेता खो दिया, श्रेष्ठ वक्ता और उत्कृष्ठ नेतृत्व क्षमता की धनी सुषमा स्वराज की लोकप्रियता भारतीय जन में ही नहीं देश की सीमाओं के पार भी थी. विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने जिस समर्पण के साथ अपना कर्तव्य निभाया वास्तव में वह एक मिसाल है.


 


सुषमा स्वराज की लोकप्रियता इतनी जादा थी, ट्वीटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक फॉलोअर थे क्या पाकिस्तान, क्या बांग्लादेश, कहीं का भी कोई बीमार, मजबूर व्यक्ति यदि उन्हें सिर्फ ट्वीट करके भी अपनी परेशानी बताता था तो वे उसकी हर संभव मदद करती थीं. विदेशों में बसे भारतीयों पर जब भी संकट आया, उनकी मदद के लिए सुषमा स्वराज ने कभी देर नहीं की.सुषमा स्‍वराज भाजपा की एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने उत्तर और दक्षिण भारत, दोनों क्षेत्र से चुनाव लड़ा है। वे एक प्रखर वक्‍ता के रूप में भी जानी जाती हैं। वे भारतीय संसद में अकेली महिला सांसद हैं, जिन्हें असाधारण सांसद का पुरस्कार मिला है। देश की पहली महिला विदेश मंत्री के रूप में समर्पण के साथ कर्तव्य निभाते हुए मिसाल कायम की, सुषमा स्वराज की लोकप्रियता देश की सीमाएं लांघती रही, नेतृत्व के कई रिकॉर्ड बनाए।


 


इसी कारण सुषमा स्वराज राजनीति सफर सात बार सांसद छह बार लोकसभा, एक बार राज्यसभा और तीन बार विधायक रही, भारत में पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री सूषमा स्वराज सन 1977 में हरियाणा में सबसे कम उम्र की मंत्री बनी थीं अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे 1996में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और विदेश मंत्री रह चुकी हैं. 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, रहीं। सुषमा स्वराज किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली ‍महिला प्रवक्ता, भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, पहली केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, महासचिव और नेता पहली नेता प्रतिपक्ष रहीं।



सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था. हरियाणा के अंबाला छावनी में जन्मीं सुषमा स्वराज ने अंबाला के एसडी कॉलेज से बीए किया था और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून में डिग्री हासिल की थी. सुषमा स्वराज के पिता हरदेव शर्मा तथा मां लक्ष्मी देवी थीं. उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य थे. सुषमा स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी था, जो कि अब पाकिस्तान में है. सुषमा स्वराज को 1970 में कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के सम्मान से सम्मानित किया गया था. तीन साल तक लगातार कालेज की एनसीसी की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन साल तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी चुनी गईं. पंजाब यूनिवर्सिटी में भी उन्हें 1973 में सर्वोच्च वक्ता का सम्मान मिला था. सन 1973 में ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू कर दी थी. 13 जुलाई 1975 को सुप्रीम कोर्ट के वकील स्वराज कौशल से उनका विवाह हुआ. स्वराज कौशल राज्यसभा में सांसद और मिजोरम के राज्यपाल भी रहे.


 


सुषमा स्वराज की एक बेटी है जिसका नाम बांसुरी है. वह लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही है। सुषमा स्वराज का अंतिम ट्वीट 370के बिल पारित होने.के बाद किया था, प्रधानमंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी जैसे लग रहा था जैसे सुषमा जी इसी पल का इंतजार कर थी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में6अगस्त 2019हृदय गति रुकने से निधन, भारतीय राजनीति में एक असाधारण नेता का गौरवशाली अध्याय समाप्त हो गया.सुषमा स्वराज ने जनसेवा और निर्धनों के जीवन में सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत ने एक महान विदूषी, राष्ट्रभक्त, अत्यंत लोकप्रिय और मानवीय संवेदना से परिपूर्ण राजनेत्री को खो दिया है। सुषमा स्वराज को करोड़ों भारतीयों की तरफ से शत् शत् नमन ……