राखी बंधा ले भाई मोरे
कच्चे धागों का प्रेम है
बहना बाँधे रक्षा सूत्र
ये बड़ा अनमोल है
सरहद पर तूने ही भाई
देश की आन बचाई है
भारत माँ गर्वित है रे
तूने ऐसी धूम मचाई है
कुमकुम रोली तिलक
सब तैयार सजे थाल में
आओ मेरे भैय्या तुम
राखी बंधवाने जल्दी से
कलाई सजेगी आज
राखी से भैया तुम्हारी
मीठा मुँह होगा फिर
मिलेगा मुझको आशीर्वाद
प्रस्तुति
युवा गौरव
कवि राजेश पुरोहित
भवानीमंडी, राजस्थान