आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं, जो की गलत है इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है : बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र सिंह
युवा गौरव हिमांशू दुबे
कानपुर देहात ब्यूरो। इस अभियान में स्वास्थ्य एवं समेकित बाल विकास सेवा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। शिक्षा विभाग स्कूल जाने वाली किशोरियों की स्वास्थ्य जांच व किशोरी हेल्थ कार्ड को पूरा करने में अहम भूमिका निभायेगा। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा संचालित पोषण अभियान के एक साल पूरे होने के मौके पर 8 मार्च से 22 मार्च तक पूरे प्रदेश में पोषण पखवाड़ा मनाया गया था । जिसके तहत प्रदेश सरकार द्वारा किशोरी बालिकाओं में एनीमिया की समस्या का समाधान थीम पर आठ मार्च को प्रदेश के सभी एएनएम सब-सेंटर पर किशोरी दिवस मनाया गया था। इसमें किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच व खून की जांच की गयी थी और हर किशोरी को हेल्थ कार्ड जारी किया गया था। जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश ने बताया जनपद में आंगनवाड़ी केंद्रों पर मनाया गया किशोरी दिवस पर 11 से 14 वर्ष की सभी किशोरियों की ऊंचाई व वजन की माप और खून की जांच की जाएगी तथा हर किशोरी का हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा।
इस कार्य में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व एएनएम की मदद ली जाएगी। किशोरियों को उनके हीमोग्लोबिन के स्तर को बताने के साथ ही उसे उनके हेल्थ कार्ड में भी दर्ज किया जाएगा। जांच में जो किशोरियाँ एनीमिक पायी जाएंगी वह अगले चरण में दोबारा जांच के लिए आएंगी। इस अभियान में उन किशोरियों की दोबारा स्वास्थ्य व खून की जांच करना अनिवार्य है जिनकी जांच एएनएम सेंटर पर हुई। इस दिवस पर खून की जांच रिपोर्ट के आधार पर किशोरियों को एनीमिया से बचने के लिए आयरन की गोलियों के सेवन और खान-पान संबंधी विस्तृत जानकारी भी दी जाएगी। स्कूल न जाने वाली किशोरियों की जांच एएनएम द्वारा उपकेंद्र पर सुबह सत्र में किया जाएगा। स्कूल जाने वाली सभी किशोरियों की भी ऊंचाई, वजन और खून की जांच एएनएम सब सेंटर पर होगा। इसके लिए किशोरियाँ स्कूल की छुट्टी के बाद सेंटर पर जाएँ और अपराहन सत्र में जांच कराएं। इन्हें भी किशोरी हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। सभी किशोरियाँ सेंटर पर पहुंचे इसके लिए प्रधानाध्यापक की भी मदद ली जाएगी। सेंटर पर संबन्धित आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के साथ ही पोषण सखी की भी उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है।
इसी अभियान के तहत गुरुवार को ब्लाक सरवनखेड़ा में आंगनवाड़ी केंद्र पर किशोरी दिवस मनाया गया। जिसमे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कमलेश और निर्मला ने किशोरियों को स्वास्थ्य एवं साफ- सफाई के बारे में बताया तो वही पोषण सखी रिंकी ने संवाद करते हुए बताया कि किशोरी दिवस में हम 11 बर्ष से लेकर 14 बर्ष तक कि किशोरी को आंगनवाड़ी केंद्र पर इकट्ठा करके उनको एनिमिया में सुधार के लिए बताया जाता है पोषण व परिवार कल्याण, जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा है कि किशोरियों की शादी 18 बर्ष से कम उम्र में न की जाए। बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया किशोरियों व लड़कियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं, जो की गलत है इससे शरीर में आयरन का अवशोषण कम हो जाता है। इसके अलावा आयरन फोलिक एसिड की गोलियों का सेवन, विटामिन सी युक्त आहार जैसे नीम्बू, संतरा, आदि के साथ किया जाना चाहिए जिससे आयरन का अवशोषण सुचारु रूप से हो सके। भोजन में पालक, मेथी, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढाएं क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) पर नजर डालें त उत्तर प्रदेश की 15 से 19 साल की किशोरियाँ सबसे ज्यादा एनीमिया की गिरफ्त में हैं, जिनकी तादाद 62.8% फीसद है।