दिव्या की जीवन ज्योति बुझाने वाला उसका पति निकला हत्यारा


युवा गौरव। आनन्द पाण्डेय 


इटावा। अपने सुहाग के साथ शादी सात वचन और सात फेरे लेने वाली दिव्या मिश्रा भले ही आज इस दुनियाँ को हमेशा के लिये अलविदा होकर करवाचौथ के चाँद का छन्नी से दीदार न कर पाये लेकिन जिस चाँद को वह वर्षो से पूजती आ रही थी आज वही चाँद उसका दागदार निकलकर जेल की सलाखों में प्रेमिका के साथ जा पहुँचा, सुहाग सजनी की सौतन की बाहों में झूलकर अपनी सुहागिनी को मौत की नीँद सुलाने की साजिश रचता रहा, लेकिन सुहागिनी सुहाग की साजिश को ना समझकर करवाचौथ की थाल सजाकर साजन के लिये सजने का सपना देखती रही लेकिन साजन ने 4 दिन पहले ही अपनी सजनी के सजने के सपने को साथी के हाथो चकनाचूर कर दिया औऱ सजनी तूने दिल मेरा तोड़ा कही का न छोड़ा, सनम बेबफा ओ सनम बेबफा, में नही बेबफा कहती कहती पति की साजिश के हाथो स्वर्ग सिधार गयी।। न्यूज एंकर अजितेश मिश्रा टीवी के पर्दे पर दूसरो के गुनाहो की स्क्रिप्ट पढ़ पढ़ कर सुर्खियां बटोरने में माहिर हो गया और पर्दे के पीछे अपनी सुहागनी की मौत की स्क्रिप्ट को टीवी के पर्दे के पीछे रहकर सौतन की गोद मे बैठकर लिखता रहा और दिव्या समझती रही कि भला हो बुरा हो जैसा भी हो मेरा पति मेरा देवता है, दिव्या का कसूर केवल इतना था कि उसकी गोद 4 साल से सूनी पड़ी थी और उसका सुहाग उसकी सौतन की गोद मे समा चुका था।। दिव्या को अपनी सौतन के बारे में पता चला तो वह अपने सुहाग से अपने हक की लड़ाई लड़ने लगी मनमुटाव बढ़ता गया और दिव्या अपनी ससुराल इटावा आ गयी।।। 30 सितम्बर को निजी चैनल से अजितेश मिश्रा उसकी प्रेमिका भावना आर्या ने इस्तीफा दिया और अपने साथी अखिल कुमार के साथ पत्नी की हत्या की साजिश रची, हत्या का जिम्मा उस साथी को सौंपा जिसको दिव्या अपना भाई मानकर कलाई पर राखी बांधकर कहती थी कि भैय्या मेरे राखी के बंधन को निभाना।। 14 अक्टूबर को सोची समझी साजिश के तहत अखिल कुमार अजितेश के कटरा बल सिंह स्थित घर पर गया अपने भाई अखिल को देखकर दिव्या खुश हुई दरवाजा खोला और भईया प्रवेश कर गये, अपनी शादी की एल्बम्ब की एक एक फोटो अपने कातिल भाई को दिव्या दिखाने लगी लेकिन क्या पता था कि एलबम दिखाते दिखाते देखने वाला खुद उसको एलबम में हमेशा के लिये उसको मारकर फ्रेम कर देगा। अखिल कुमार गुलदस्ते से सिर पर बार पर बार करता रहा अजितेश नोयडा में प्रेमिका की गोद मे बैठकर पत्नी की चीखें सुनता रहा और दिव्या करवाचौथ के 4 दिन पहले ही यह दुनियां हमेशा के लिये छोड़ गई।। कातिल पति अपने को बेगुनाह दिखाने के लिये पुलिस के सामने कई चरखा दावँ चलता रहा लेकिन सन्तोष की साहसी टीम के सामने खुद कातिल पति अजितेश मिश्रा घुटने टेककर कहने लगा कि आज की ताजा खबर में ही हूँ अपनी पत्नी का हत्यारा। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी संतोष मिश्रा ने 15 हजार रुपये बतौर इनाम के तौर पर नवाजे।