हरदोई :- पक्के पुल की आस, पर अभी तक नहीं बना पैंटून पुल

 


दो पुरानी नावों के सहारे बहनों ने भाई के माथे पर किया तिलक


भैयादूज पर बडागांव घाट पर देखने को मिली महिलाओं की भारी भीड़



युवा गौरव। बद्री चौहान


हरपालपुर हरदोई। आश्वासन पर आश्वासन, नेताओं के झूठे वादों से जनता ऊब चुकी है। पंचनद कटरी कुछ ऐसे ही चुनावी वादों से बार-बार छली जा रही है। अब अर्जुनपुर रामगंगा पुल को ही ले लें जो कि 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बन जाना चाहिए उसकी अभी शुरुआत तक नहीं हो पाई है। दीपावली सूनी गई, लगता है कार्तिक गंगा स्नान (पांचाल घाट फर्रुखाबाद) तक चालू नहीं हो पाएगा। जबकि प्रतिदिन लगभग पांच हजार लोगों का आवागमन इस मार्ग से होता है। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक 15 जून को बारिश के मौसम में प्रतिवर्ष पैंटून पुल तोड़ दिया जाता है और 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक हर हाल में पीपों को जोडकर आवागमन शुरू कर दिया जाता है। इससे पंचनद कटरी में रबी फसलों की बुबाई, दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान जैसे त्यौहार में आवागमन की खुशियों में इजाफा जाता हो जाता है। पर पीडब्लूडी की लापरवाही से पांटून पुल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो पुल के ढह जाने से पानी के दायरों को भी परखा जा रहा है। इस संबंध में एसडीएम सवायजपुर कपिल देव यादव ने बताया कि पीडब्ल्यूडी एक्चियन से बात कर स्थिति के बारे में पता करेंगे।


 


90 लोगों के डूबने की बरसी


कार्तिक पूर्णिमा 1976 में पांचाल घाट फर्रुखाबाद गंगा स्नान करनें जा रहे 90 लोगों से भरी नाव बड़ागांव अर्जुनपुर रामगंगा घाट पर डूब गई थी। तत्कालीन कांग्रेसी विधायक स्व.हरिशंकर तिवारी के प्रयासों से पक्के पुल की जगह पैंटून पुल मंजूर हुआ था।


 


आए थे तीस, बचे बारह


क्षेत्रीय लोगों के अनुसार लगभग 30 वर्ष पूर्व बडागांव घाट पर मंजूर हुए पांटून पुल के लिए 30 नए पीपे आए थे लेकिन विभागीय लापरवाही से कुछ बाढ़ में बह गए तो कुछ धीरे-धीरे जर्जर होते रहे। वर्तमान में 12 पीपे ही बचे हैं। जिससे रामगंगा की धार को बांधना कठिन है।