कुपोषण के खिलाफ जनांदोलन रहा पोषण माह -ः राज्यमंत्री अजीत पाल
 


 

 पोषण की पोटली देकर हुई 50 गर्भवती महिलाओं की हुई गोदभराई, मां व शिशु के विकास के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग कर रहा काम, कार्यक्रम जनपद की जिलासन्यवक ज्योति यादव सीफाॅर ने डीएम, सीडिओ व मंत्री अजीत के साथ अन्य पदाधिकारियों को पुष्प दे किया सम्मानित।

 


युवा गौरव हिमांशू दुबे

 

 

कानपुर देहात ब्यूरो। कुपोषण के खिलाफ सबकी सहभागिता जरूरी है। इस अभिशाप को मिटाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होने की जरूरत हैं। कुपोषण के खिलाफ सितंबर माह में चल रहे पोषण अभियान ने जनांदोलन का रूप लिया। समय-समय पर ऐसे अभियान चला कर समुदाय को जागरूक करने की जरूरत हैै। यह बातें  राज्य मंत्री अजीत पाल ने माती ईकोपार्क सभागार में आयोजित गोदभराई दिवस में कही। महिलाओं को पोषण से संबंधित जानकारी देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत गर्भवती महिला को तिलक लगाकर तथा मंगल गीत गाकर की गयी।

 


 

कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को  भेंट के तौर पर अनाज, मौसमी फल, मेवा, चने, आयरन  की गोलियां व पंजीरी दी गयी। सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म पूरी की गई। मुख्य विकास अधिकारी, जोगिंदर सिंह ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं को संपूर्ण आहार के साथ-साथ अपने भोजन में दालें हरी सब्जियां वसा और फल मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए द्य इस दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं को पोषण की पोटली देकर गोदभराई का रस्म को पूरा किया।

 


 

विधायिका प्रतिभा शुक्ला ने बताया कि छः माह तक मां दूध उसके बाद ऊपरी आहार दे। डीपीओ राकेश यादव ने गर्भवती महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य से सम्बंधित जानकारियां दी तथा संतुलित आहार व आयरन की गोलियों के सेवन के महत्व के बारे में बताया। महिलाओं को गर्भावस्था में लेने वाले पोषण तत्वों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा पौष्टिक आहार लेने से ना सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे का भी विकास होता है।

 


 

पौष्टिक आहार के अभाव में महिलाएं विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाती हैं। इसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए गर्भावस्था में महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है।  मुख्य चिकत्साधिकारी डॉ. हीरा सिंह ने बताया गर्भवती को गर्भ के तीसरे माह बाद टीटी के दो टीके, एक माह के अंतराल पर अवश्य लगवाने चाहिए। साथ ही नवजात शिशुओं की देखभाल की जानकारी दी। उन्होने बताया कि नवजात को एक घंटे के अंदर मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए। कितनी गर्भवती कार्यक्रम में शामिल हुयी, कितनो की गोदभराई हुयी यह भी बताये।

 


 

कार्यक्रम में गर्भवतियों ने भी अपने स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर भी जाने। संदलपुर परियोजना द्वारा पोषाहार से निर्मित विभिन्न प्रकार के पौष्टिक पोस्टिक व्यंजनों जैसे देसी घी के लड्डू, दलिया से बनी हुई थी मेवे की बनी हुई बर्फी दही बड़े मूंगफली से बनी हुई फेरारी दलिया से बना हुआ केक बालूशाही आदि व्यंजन कि प्रदर्शनी एक आकर्षण का केंद्र रही। इस मौके पर जनपद की जिला समन्वयक सीफाॅर ज्योती यादव, सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, गर्भवती महिलाएं, आशा व सीडीपीओ, स्वास्थ्य कर्मचारी यूनिसेफ मंडलीय सलाहकार आशीष शुक्ला अन्य लोग मौजूद थे।