मसीत गांव में ग्राम समाज व चरागाह की जमीन पर अवैध कब्जा, बेअसर एंटी भू माफिया


 


100 रुपए के शपथ पत्र पर जिला अधिकारी को दिया गया प्रार्थना पत्र भी हुआ बेअसर


युवा गौरव। पंकज गुप्ता


हरदोई, बघौली। विकासखंड अहिरोरी के ग्रामसभा करीमनगर सैदापुर के मसीत गांव में गाटा संख्या 537 एवं 538 चरागाह एवं ग्राम समाज की भूमि पर प्रधान एवं लेखपाल की मिलीभगत से लगभग 40 लोगों को अवैध कब्जा कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है, मसीत गांव निवासी करनवीर सिंह पुत्र श्री आर एन सिंह ने उपरोक्त मामले को मुख्यमंत्री द्वारा संचालित की गई हेल्पलाइन नंबरों पर एवं जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी राजस्व विभाग आदि को प्रार्थना पत्र देकर मामले से अवगत कराया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो सकी, उपरोक्त प्रकरण की जांच बघौली थाना अध्यक्ष ने कांस्टेबल संदीप कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच करवाई जिसमें अवैध कब्जे का मामला सही पाया गया लेकिन फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी


 


 


इन अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्र


 


जनसुनवाई पोर्टल पर कई बार शिकायत दर्ज कराई गई, जिला अधिकारी हरदोई को प्रार्थना पत्र दिया गया, मुख्य विकास अधिकारी हरदोई, राजस्व विभाग को भी प्रार्थना पत्र दिया गया, अब प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों को भेजा गया। उत्तर प्रदेश सरकार चाहे लाख कोशिश कर ले लेकिन अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा चलाया गया एंटी भू माफिया अभियान इनके सामने असफल साबित हुआ, संबंधित लेखपाल अजय कुमार के मोबाइल नंबर 95 1944 2550 पर युवागौरव संवाददाता ने बातचीत की तो लेखपाल ने बताया कि लगभग 20, 22 वर्ष पूर्व ग्राम समाज की भूमि पर लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया होगा जहां पर इस समय आबादी है और लगभग 10 माह पूर्व कुछ लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा था जिसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री एंटी भू माफिया अभियान के तहत फदाली पुत्र शिवराम कश्यप, सरोज पुत्र शिवराम कश्यप, सर्वेश आदि इन लोगों पर 15 सी के तहत कार्रवाई की गई थी और मौके पर घूरे, बठिया एवं दो-तीन लोगों के मकान की बुनियाद को गिरा कर कब्जा मुक्त कराया गया था, प्रार्थी करनवीर ने आरोप लगाया है कि वर्तमान लेखपाल अजय कुमार से शिकायत करने पर लेखपाल ने कहा कि जो हम चाहेंगे वही होगा तुम शिकायत कहीं भी करो आएगी तो हमारे ही पास ऐसे शब्दों से लगता है कि प्रार्थी का मनोबल कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है और उपरोक्त कर्मचारियों की संलिप्तता साफ नजर आती है और इससे पूर्व जांच में भी प्रार्थी पर भी अवैध कब्जा दार होने के आरोप जिम्मेदारों के द्वारा लगाया जा रहा है, आखिर सवाल यह उठ रहा है कि शासन के सख्त होने के बावजूद भी जिला प्रशासन क्यों खामोश बैठा है आखिर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई।