युवा गौरव। संवाददाता
लखनऊ ब्यूरो। महिला पीआरवी के लिए 1800 महिला पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय रात्रिकालीन महिला पीआरवी का प्रयोग सफल होने से डीजीपी मुख्यालय उत्साहित है। मंगलवार को पुलिस ने यह प्रयोग किया। रात्रि में छह जिलों से सूचनाएं मिलने पर महिलाओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया गया। महिला पीआरवी के लिए 1800 महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यूपी पुलिस की आपात सेवा 112 द्वारा महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से पीआरवी पर महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। यह पीआरवी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच किसी महिला के सड़क पर अकेले होने और 112 पर कॉल करके सुरक्षा मांगने पर सुरक्षित एस्कोर्ट करते हुए उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा रही है। मंगलवार की रात्रि में लखनऊ महोबा लखीमपुर खीरी मथुरा अंबेडकरनगर व उन्नाव से प्राप्त सूचनाओं पर पीआरवी ने तत्परात से मौके पर पहुंचकर सहायता मांगने वाली महिलाओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया। एक कॉल महोबा से एक महिला ने की थी जो 40 किलोमीटर दूर अपने गंतव्य (मध्य प्रदेश) तक जाना चाहती थीं। पुलिस ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर रुकने को कहा और यह भी बताया कि इतनी दूर और अन्य प्रदेश तक हम नहीं जाते हैं। इस सेवा को परखने के लिए किसी ने 'टेस्ट कॉलकी थी पुलिस इस पर खरी उतरी। हालांकि पुलिस ने लोगों से टेस्ट कॉल न करने की सलाह दी है क्योंकि टेस्ट कॉल पर पीआरवी भेजने से वास्तविक कॉल विलंबित हो सकती है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि महिला पीआरवी के लिए 1800 महिला पुलिसकर्मियों को 18 दिवसीय प्रशिक्षण शुरू कराया जा चुका है। इस सेवा के लिए महिला पुलिसकर्मी उत्साहित हैं और पूरी ऊर्जा के साथ काम करने के लिए कटिबद्ध हैं।