युवा गौरव सुनील चतुर्वेदी![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQJOu75hz18nWnoKWDssa8Ut4a-vwzo2GF6wZcK8uckuFZmS4-d2mppWuAL1k9GSoyU1YphzNBJyFkQAm4Yw0i50v3sv0pjzghorz4jzXYWwMQUsMD-MVJygewQu3XiZ1S9hDP-2AIM4M/)
रेलगाड़ी की वजह से ही बहुत सारे गांव और शहर एक दूसरे से जुड़ पाए हैं। भारत की तरक्की में ट्रेन का एक महत्वपूर्ण योगदान है। ट्रेन में सफर का अपना एक अलग ही मज़ा होता है। लेकिन रेलवे स्टेशन पर एक आवाज़ हमें जिसकी सबसे ज्यादा सुनने को मिलती है वह होती है अनाउंसमेंट करने वाली महिला की जो अक्सर इस तरह "यात्रीगण कृपया ध्यान दें" सुनाई देती है।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiP8vjDLfLmmccrfFNv2WTRfkJNRuvBLiLmM3HDGz60iZLCdnK7TjgW5Ui7rIDkqGnsZdbJjnT6GmJ4vVJZx6I9CAD132kWMJ6qSQOp4nAjmC1wOkNmTuTsBMNC7MDDDGDbpjt3suLI2ds/)
यह आवाज हर स्टेशन पर एक जैसी ही होती है. इस लेडी की आवाज़ सालों से हम सुनते आ रहे हैं। आखिर हर स्टेशन पर एक जैसी ही आवाज़ क्यों है? तो आपको बता दें यह अलग-अलग महिला की नहीं बल्कि एक ही महिला की आवाज़ है जो पिछले 20 सालों से अनाउंसमेंट करती आ रही है।
कौन है यह महिला आइए जाने
ककेकेन है यह महिला आइए
कौन है यह महिला जिसकी आवाज़ सालों से हमारे कानों में गूंज रही है। चलिए आज आपको बताते है. रेलवे स्टेशन पर अनाउंसमेंट करते समय आपको जिस महिला की आवाज़ सुनाई देती है उनका नाम सरला चौधरी है।
सरला रेलवे में पिछले 20 सालों से अनाउंसमेंट कर रही हैं। साल 1982 में सरला ने रेलवे अनाउंसमेंट के पद के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट में पास होने के बाद उन्हें सेंट्रल रेलवे में दैनिक मजदूरी पर रख लिया गया। उसके बाद उनकी कड़ी मेहनत और आवाज़ को देखते हुए साल 1986 में उनका यह पद स्थायी कर दिया गया। पहले के समय में अनाउंसमेंट करना इतना आसान नहीं होता था। उस समय हर स्टेशन पर जाकर अनाउंसमेंट करना पड़ता था।
एक इंटरव्यू में सरला ने बताया कि पहले के समय में कंप्यूटर मौजूद न होने के कारण अनाउंसमेंट का यह काम उन्हें खुद हर स्टेशन पर जाकर करना पड़ता था।उन्होंने बताया कि वह पहले कई बार अलग-अलग भाषाओँ में भी अनाउंसमेंट कर चुकी हैं। इन अनाउंसमेंट को रिकॉर्ड करने में 3 से 4 दिन लग जाते थे। लेकिन बाद में रेलवे स्टेशन के सारे अनाउंसमेंट संभालने का काम ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम को दे दिया गया।
स्टैंड बाय मोड पर सरला की आवाज़ को इस विभाग ने कंट्रोल रूम में सेव कर लिया है। सरला ने बताया की निजी कारणों की वजह से 12 साल पहले वह इस काम को छोड़ चुकी हैं। अब वह OHE विभाग में कार्यालय अधीक्षक के रूप में तैनात हैं। उन्हें बहुत खुशी मिलती है जब लोग उनकी आवाज़ की तारीफ बिना देखे करते हैं।रेलवे स्टेशन पर उन्हें खुद की आवाज़ भी सुनकर बहुत अच्छा लगता है।