कानपुर प्लास्टिक में सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए मजदूरों से जबरन कराया जा रहा काम, कई महीनों से नहीं दिया गया वेतन
युवा गौरव सुनील चतुर्वेदी

 

कानपुर/ जिलाधिकारी साहब हमको भी लॉकडाउन का पालन करने दीजिए


 

फैक्ट्री का प्रबंधन हमसे जबरदस्ती काम कराता है।

 

कई महीनों से हमे  सैलरी नही दी

 

जिलाधिकारी साहब मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ क्यों

 

बस में दो लोगो के बैठने की सीट पर कैसे करें सोशल डिस्टेन्स का पालन

ये हम नही कह रहे हैं ये कह रहे हैं कानपुर प्लास्टिक रानियां के कर्मचारी

आइए चले पूरी खबर की ओर

 जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर पूरे देश को लॉक डाउन के माध्यम से स्थिर कर दिया गया है। जिसको देखते हुए तमाम फैक्ट्रियों व कारखानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। वहीं दूसरी ओर आवश्यक खाद्य सामग्री के वस्तुओं के कुछ चुनिंदा फैक्टरियां पर छूट दी गई है। लेकिन कानपुर शहर में प्लास्टिक की एक फैक्ट्री में धड़ल्ले से काम हो रहा है और वो फैक्टरी है कानपुर प्लास्टिक रानियां जहां प्लास्टिक की बोरियां बनाई जाती हैं।

प्रश्न यह है कि किस मानक के आधार पर इनको फैक्ट्री खोलने का आदेश पारित किया गया। जहां मानव से मानव जनित रोग कोरोनावायरस में सोशल डिस्टेंस को महत्व दिया गया है वहीं दूसरी ओर फैक्ट्री के कर्मचारी और लेबर जिनकी संख्या लगभग 800 से 1000 बताई जा रही है उनको क्या कोरोना नहीं छू पायेगा। 

 

क्या प्लास्टिक की वस्तुएं आवश्यक खाद्य सामग्री की श्रेणी में आते हैं या लोग प्लास्टिक ही खाते हैं बड़ा प्रश्न है कानपुर प्रशासन से.