धर्म के द्वंद्व में उलझाये गये पनकी एसएचओ हुए लाइन हाजिर साजिश या षड्यंत्र ?
युवा गौरव संवाददाता

 

कानपुर/ शहर के तेज तर्रार दरोगा जो अपनी कार्यप्रणाली और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कानपुर महानगर के अधिकतर पुलिस थानों में खाकी का नाम रोशन कर चुके हैं। हम बात कर रहे हैं अभी कुछ दिनों पहले लाइन हाजिर किए गए दरोगा विनोद कुमार सिंह की।

अपराध को नियंत्रित करने के लिए और अन्य सामाजिक कार्य की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते थे। यही नहीं जिस थाना क्षेत्र में इनकी तैनाती होती है वहां पर लोग इनके काम के दीवाने हो जाते थे और काले कारनामेेेेे करने वाले इनके नाम से खौफ खाते थे।

 

एक बार नजर डालते हैं लाइन हाजिर किए गए दरोगा किस कारण से लाइन हाजिर किये गए।

 

इस पर ज्यादा बात करने की आवश्यकता तो नहीं है लेकिन पूरे प्रकरण को समझने के लिए बात की शुरुआत यहीं से करनी होगी। लॉक डाउन चल रहा था प्रशासन की ओर से सभी थाना क्षेत्रों को सख्त आदेश थे लॉक डाउन का यथावत पालन कराने के लिए। पनकी क्षेत्र के एक व्यक्ति को लगातार कई दिनों से मंदिर जाने के लिए मना किया जा रहा था। लेकिन वह मान नहीं रहे थे जबकि लाक डाउन में मंदिर और मस्जिद  दोनों बंद कर दिए गए थे। फिर उसके बाद जो वीडियो वायरल हुई वह सबके सामने थी। लेकिन अब बात करते हैं कि वीडियो 3 से 4 दिन बाद वायरल करने का मतलब क्या हुआ।

 

 अब पूरी गणित की ओर चलते हैं

 

क्षेत्र के काले गोरखधंधे पूरी तरीके से बंद थे जैसे तेल के बाड़े, जुआ, ज्यादातर अपराध क्षेत्र से कम हुए थे। इस दौरान लगातार थानाध्यक्ष की प्रसिद्धि भी बढ़ती जा रही थी। जैसे कि सारे अवैध काम बंद थे तो अवैध काम करने वालों के लिए यह बबूल का कांटा बने हुए थे। अब इनको निपटाना भी था। तो शायद इससे अच्छा अवसर अवैध काम करने वालों को मिल नहीं सकता था। 

 

खाकी व समर्पण पर भारी पड़ा धर्म और श्वेत वस्त्र

 

व्यक्ति के वायरल वीडियो को सीधा सीधा धर्म से जोड़ दिया गया। जोड़ा भी क्यों ना जाता  इससे अच्छा मौका  शायद ही  अवैध गोरख धंधा करने वालों को नहीं मिलता। शायद लोगों को यह नहीं दिखा कि थानाध्यक्ष भी हिंदू ही थे। यहां तक कि कुछ जानकारियां ऐसी आई हैं जिसमें यह भी कयास लगाया गया है कि दरोगा को लाइन हाजिर कराने के लिए सफेद पोशों का भी सहारा लिया गया है। 

 

पनकी में लगातार हो रहे हैं अपराधियों के हौसले बुलंद

 

अब बात करते हैं पनकी थाना अंतर्गत हो रहे अपराधों के बारे में कई सारे अपराधों के गुत्थियाँ सुलझा चुके लाइन हाजिर दरोगा विनोद कुमार सिंह के जाने के बाद लगातार क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। छोटी बड़ी घटनाओं से लेकर के अभी कुछ दिनों पहले ही काजल किन्नर की हत्या भी शामिल है वह भी पनकी चौकी से महज कुछ मीटर की दूरी पर ही। 

 

क्या खाकी के प्रति समर्पण का यही है ईनाम

 

जहां एक ओर पनकी में कई कोरोनटाइन क्षेत्रों में खुद तो मोर्चा संभाला ही साथ ही साथ सहयोगी पुलिस कर्मियों का भी लगातार उत्साह बढ़ाते रहें और पनकी थाना क्षेत्र से लाइन हाजिर किए जाने के बाद खुद को परिवार सहित होम कोरोनटाइन कर लिया। इस विषम परिस्थिति में भी क्षेत्र में लगातार विभिन्न गतिविधियों में एक्टिव रहें। क्या परिवार छोड़ कर के अपनी जान की परवाह ना करते हुए पुलिस विभाग में सेवा करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी अपना संपूर्ण योगदान देने का क्या खाकी को यही ईनाम मिलता है ?