अश्वमेघ यज्ञ का भूमिपूजन के बाद छोड़ा गया अश्वमेघ का अश्व

वैदिक मंत्रों के साथ अश्वमेध यज्ञ का भूमिपूजन हुआ सम्पन्न


'याज' चरण के अंतर्गत 08 नवंबर से शुरू हो रहा है अश्वमेध


युवा गौरव। संवाददाता



पिहानी। क्षेत्र के ग्राम सिरसा में आगामी 08 नवंबर से 12 नवंबर तक होने जा रहे विराट अश्वमेध महायज्ञ से पूर्व बुधवार को भूमिपूजन का क्रम सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक श्यामप्रकाश, नगर पालिका हरदोई के चेयरमैन सुखसागर मिश्र मधुर, कोतवाल पिहानी सूर्य प्रकाश शुक्ल व मुजाबिर हुसैन जैदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्य्रकम की शुरुआत की। तत्पश्चात वैदिक मंत्रों के साथ भूमिपूजन किया गया। इसके उपरांत अश्वमेध यज्ञ का अश्व भी छोड़ा गया। जो क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाएगा। जानकारी देते हुए संयोजक रजनीकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह अश्व एक गांव से दूसरे गांव की सीमा तक जाएगा। जहां इसे उस गांव के लोग दूसरे गांव की सीमा तक छोड़ने जाएंगे। उधर से दूसरे गांव के लोग आकर अश्व को ले जाएंगे और तीसरे गांव की सीमा तक छोड़ आएंगे। इसी प्रकार से यही क्रम आगे भी चलता रहेगा। यह ही बताया कि अश्वमेध के दूसरे चरण याज के अंतर्गत 08 नवंबर से महायज्ञ शुरू हो जाएगा। कहा कि अश्व को छोड़े जाने का मुख्य उद्देश्य अश्वमेध यज्ञ में शामिल होने के लिए लोगों को जागरूक करना है। गायत्री परिवार के प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर ने कहा कि आधुनिक पर्यावरण के शोधन के लिए ऐसे महायज्ञों का होना अति आवश्यक है। अश्वमेध महायज्ञ से हमें भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इस बीच प्रमुख ट्रस्टी अतुल कपूर ने मंच संचालन किया। मुकेश गुप्ता के साथ उनकी टोली के सजल गुप्ता, शिवानी गुप्ता, अनु शर्मा, बृजनंदन वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, गुड्डू, देवेंद्र मिश्र आदि ने वैदिक मंत्रों से पूजन सम्पन्न कराया। संजय सिंह, नवनीत कुमार, प्रदीप राठौर, कमलेश गुप्ता, निखिल गुप्ता, सुधीर, सुशील, अभिषेक, रमेश गुप्ता, रामपाल, आदि ने व्यवस्थाएँ संभालीं।


 


बड़ा ही भव्य और विराट होगा सिरसा का अश्वमेध महायज्ञ


 


पिहानी। 08 से 12 नवंबर तक आयोजित अश्वमेध महायज्ञ बड़ा ही भव्य और विराट होगा। 08 नवंबर से शुरू होकर अश्वमेध महायज्ञ के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली जायेगी, जिसमें हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाओं व बच्चों के सम्मिलित होंगे। वहीं दूसरे दिन 9 नवम्बर को ध्वजारोहण, अश्वपूजन एवं देवावाहन के क्रमों के साथ अश्वमेध यज्ञ की प्रथम पाली में दस हजार से अधिक श्रद्धालु आहुतियां प्रदान करेंगे। 10 व 11 नवम्बर को भी अश्वमेध यज्ञ में हजारों लोग आहुतियां प्रदान करेंगे। 11 नवम्बर को सायंकाल हजारों दीपकों की रोशनी के बीच दीप-महायज्ञ सम्पन्न होगा। 12 नवम्बर को महा-पूर्णाहुति के साथ अश्वमेध यज्ञ सम्पन्न हो जाएगा।



अरनव और जतिन बने लव-कुश


 


पिहानी। भूमिपूजन के पश्चात मुख्य अतिथियों ने अश्वमेध के अश्व को छोड़ा, जिसे लव-कुश की भूमिका में विधायक श्यामप्रकाश के पौत्रों अरनव और जतिन ने रोक लिया। संयोजक रजनीकांत त्रिपाठी, सुशील त्रिपाठी सहित गायत्री परिवार अन्य लोगों ने लव-कुश के सामने उस अश्व को अच्छे उद्देश्य के लिए छोड़े जाने की व्याख्या की। उनके इस निवेदन पर लव-कुश ने धर्म की स्थापना के लिए अश्व को छोड़ दिया।