कानपुर : डेंगू बना महामारी लेकिन सीएमओ बोले कि एक भी मौत नहीं हुई


नगर निगम में महापौर के साथ की साझा प्रेस कांफ्रेंस


महापौर बोलीं, आपकी वजह से सरकार को बदनाम नहीं होने दूंगी


युवा गौरव। सोनू शर्मा


कानपुर। महामारी बन चुके डेंगू से भले ही कानपुर में कई मौतें हो चुकी हों लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में मौतों की संख्या शून्य पर टिकी है। स्वास्थ्य विभाग की कमान संभालने वाले मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक शुक्ल यह तो मानते हैं कि डेंगू महामारी बन चुका है लेकिन वह पूरी जोरदारी से दावा कर रहे हैं कि कानपुर में एक भी मौत डेंगू से नहीं हुई है।


 


नाराज दिखी महापौर प्रमिला पांडेय 


 


यही नहीं, हर तीन साल में डेंगू वायरस के इतनी जोर पकड़ने की बात तो कही लेकिन जब पहले से सुरक्षात्मक उपाय क्या किये गए, इस पर उनके पास कोई जवाब नहीं था। सीएमओ के तर्क से नाराज महापौर प्रमिला पांडेय ने सीधे तौर पर कहा कि रोजाना रिपोर्ट के साथ ही दो दिनों में व्यवस्थाएं दुरूस्त करो नहीं तो भुगतने के लिए तैयार रहो।


 


महापौर के साथ की साझा प्रेस कान्फ्रेंस 


 


कानपुर में बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप पर लगातार चुप्पी साधे स्वास्थ्य विभाग आखिरकार सामने आया। महापौर प्रमिला पांडेय के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ल भी अपने दलबल के साथ उतरे। प्रेस कांफ्रेंस में आते ही सीएमओ ने कागजों में दर्ज आंकड़े बताने शुरू कर दिये। नोटिस, पेनाल्टी देने की बात कही। इस दौरान हैलट में 10 मच्छरदानी देने की बात प्रमुखता से की लेकिन मच्छरदानी में छेद होने की खबरों पर अपना दर्द भी जाहिर किया। बोले कि अबकी बार पूरी जांच करने के बाद हैलट में 50 मच्छरदानी और देंगे।


 


प्रेस कान्फ्रेंस मे दिये कागजी आंकड़े, हकीकत से कोसों दूर 


 


सीएमओ ने बताया कि कानपुर में अभी तक डेंगू के 1437 केस पॉजीटिव आए हैं। उन्होंने बताया कि उर्सला में 132 जांच हुई, जिसमें 44 पॉजीटिव आए। इसी तरह जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 1305 केस पॉजीटिव आए। इसमें अन्य जनपदों के 375 और कानपुर के 1062 केस शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कैंट क्षेत्र में डेंगू के 35, ग्रामीण क्षेत्र में 87 और नगरीय क्षेत्र में डेंगू के 833 केस पॉजीटिव आए। हालांकि, उनके यह आंकड़े कुछ दिनों पुराने बताए गए लेकिन सीएमओ का दावा था कि उनके पास 31 अक्टूबर तक के आंकड़े हैं। इस दौरान सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ल ने माना कि इस बार डेंगू महामारी बन गया है। जब कानपुर में डेंगू से हुई मौतों के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने दावा किया कि डेंगू से एक ही मौत नहीं हुई है। जिला मलेरिया अधिकारी के साथ उन्होंने कहा कि हर तीन साल में डेंगू का वायरस तेजी से फैलता है। इसका अंदेशा पहले से ही था इसको लेकर काम भी किया। उनकी इस बात पर महापौर प्रमिला पांडेय नाराज हो गईं। महापौर ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग को इस बात को अंदेशा था कि इस बार डेंगू महामारी बन सकता है तो पहले से पूरे इंतजाम क्यों​ नहीं किये गए। इस दौरान पार्षद अवनीश खन्ना, अवधेश त्रिपाठी ने सीएमओ के सामने ही बताया कि उनके क्षेत्रों में डेंगू से लोगों की मौत हो चुकी है।


 


निजी नर्सिंग होम वसूल रहे मनमानी रकम 


 


महापौर और यहां आए पार्षदों ने कहा कि नर्सिंग होम में डेंगू के मरीजों से मनमाना शुल्क​ लिया जा रहा है। निजी पैथोलॉजी भी 2300 रूपए तक डेंगू की जांच के नाम पर वसूल रही हैं। डेंगू की भयावहता के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का उनसे कोई सामंजस्य नहीं है। यहां तक कि नर्सिंग होम में डेंगू से होने वाली मौतों की जानकारी तक सीएमओ को नहीं भेजी जाती। डेंगू के प्रकोप फैलने के बाद जागे स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ल के सामने उर्सला और कांशीराम से मरीजों को भगाए जाने की शिकायतें भी आयीं। इस पर सीएमओ ने हेल्पलाइन नंबर 0512—2333810 जारी करते हुए कहा कि इस नंबर पर कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। वह खुद रोज रजिस्टर देखेंगे। निजी अस्पतालों को भी नोटिस दी जा रही है। हालांकि, मलेरिया विभाग के अफसरों की लापरवाही पर कार्रवाई को लेकर वह चुप्पी साधे रहे। सीएमओ के तर्कों से महापौर प्रमिला पांडेय भी काफी नाराज दिखीं। महापौर ने कहा कि लापरवाही आप करो और दोष नगर निगम पर आता है। जनता परेशान है, इसलिए तुरंत सुधार शुरू हो, वह अपनी सरकार को बदनाम नहीं होने देंगी। महापौर ने रोज शाम को प्रतिदिन की रिपोर्ट बताने को कहा। उन्होंने कहा कि दो दिनों में सुधार नहीं दिखाई दिया तो सीएमओ भुगतेंगे।