लेकिन फिर भी पुलिस.................

युवा गौरव सुनील चतुर्वेदी


 कानपुर/ जहां पूरे देश में विश्वव्यापी वायरस कोरोना को देखते हुए पूरे भारत देश में लॉक डाउन कर दिया गया है। रोडवेज सहित समस्त परिवहन सेवाएं बंद है। यहां तक कि शायद देश में पहली बार रेलवे को भी पूरी तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर एक ऐसा भी विभाग हैं जो पूरी तरह से कोरोना के इस भय युक्त वातारण में समाज की रक्षा करने के लिए ततपर है,कोरोना महामारी की गम्भीरता देखते हुए ना मानने पर बल प्रयोग भी करना पड़ता है जोकि प्रथम दृष्टया समाज हित के लिए जायज है।

सुबह एक बार नाश्ता करने के बाद शायद ही कोई पानी के लिए भी पूछता हो 

पुलिस की अक्सर ही किसी ना किसी गतिविधियों की वीडियो व फोटो आए दिन वायरल होकर चर्चित होती रहती है जरा सोचिए लगभग 75% पुलिसकर्मी अपने परिवार से दूर रहते हैं। क्या इन पुलिसकर्मियों व होमगार्डों के लिए कोरोना वायरस का भय नही है, सरकार ने इनको इस तरह समाज में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए छोड़ रखा है इनकी सुरक्षा के क्या पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, क्या पुलिसकर्मीयों व होमगार्डों को सरकार मानव नही समझती या ये मानव की श्रेणी में नहीं आते हैं। अपनी जान की परवाह ना करते हुए भी यह हमारे लिए समाज में इसलिए डटे हुए हैं कि आपको कोई परेशानी ना हो। लेकिन फिर भी पुलिस...............